गुजरात के अहमदाबाद स्थित चंडोला झील क्षेत्र में मंगलवार को अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की बड़ी कार्रवाई जारी रही। यह कार्रवाई उस अभियान का दूसरा चरण है, जो अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और भूमाफिया द्वारा कब्जाई गई जमीन को मुक्त कराने के लिए चलाया जा रहा है। इस दौरान करीब 2.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले 8,000 से अधिक अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की योजना बनाई गई है।
इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए प्रशासन ने 75 बुलडोजर, 150 डंपर और भारी संख्या में पुलिस बल — लगभग 3 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं। बटालियन में स्थानीय पुलिस, SRP और रेस्क्यू टीमें शामिल हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) शरद सिंघल ने जानकारी दी कि “ध्वस्तीकरण के पहले चरण के तहत हमने यह लक्ष्य निर्धारित किया था कि सबसे पहले बांग्लादेशी और भू-माफिया बाहुल्य इलाके में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले डेढ़ लाख स्क्वायर मीटर की जमीन को नगर निगम की तरफ से मुक्त कराया गया था, जिसमें पुलिस ने अपनी तरफ से पूरा सहयोग दिया था।”
प्रशासन के मुताबिक, चंडोला झील क्षेत्र में 1970 और 1980 के दशक से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा कब्जा किया गया है। इस जमीन पर धीरे-धीरे घनी बस्तियां बन गईं, जिनमें हजारों झुग्गियां खड़ी हो गईं। बताया जा रहा है कि 2002 में एक NGO की मदद से ‘सियासत नगर’ नाम की बस्ती बनाई गई, जो बाद में मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के रैकेट का केंद्र बन गई।
2010 से 2024 के बीच इस क्षेत्र में अवैध निर्माण की गति तेज हो गई और हजारों अस्थायी घर सरकारी जमीन पर उग आए। नगर निगम ने पिछले 20 दिनों में पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण कर यह पता लगाया कि कौन लोग 2010 से पहले से वहां रह रहे हैं। ऐसे लोगों को पुनर्वास की व्यवस्था दी जाएगी, लेकिन 2010 के बाद कब्जा जमाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
इससे पहले 29 और 30 अप्रैल को पहले चरण की कार्रवाई में लगभग 3,000 अवैध निर्माण गिराए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि पूरे ऑपरेशन की योजना संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, और प्रशासन जमीन को पुनः सरकारी नियंत्रण में लाने के साथ-साथ गैरकानूनी प्रवास और आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने का प्रयास कर रहा है।
पिछले कुछ हफ्तों में गुजरात पुलिस ने सैकडों अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जिनमें से बड़ी संख्या में लोग चंडोला क्षेत्र में रह रहे थे। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि यह अभियान केवल अतिक्रमण हटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा, शांति और शासन के तहत अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने की एक व्यापक योजना का हिस्सा है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि पुलिस को अलग-अलग टीमों में विभाजित कर कार्य सौंपा गया है और सभी अपनी भूमिका के अनुसार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि इस दौरान किसी प्रकार की जानहानि न हो और राज्य की शांति बनी रहे।”
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