भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय सेना ने 8 मई को एक बड़े हवाई हमले को नाकाम कर दिया जिसमें पाकिस्तान ने स्वर्ण मंदिर सहित पंजाब के प्रमुख सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इस हमले को रोकने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत हाई-एलर्ट मोड में कार्रवाई की और पाकिस्तान की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया।
सेना के अनुसार पाकिस्तान की ओर से ड्रोन, मानव रहित विमान (UAV) और लंबी दूरी की मिसाइलें पंजाब में लॉन्च की गई थीं। इनका निशाना अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर समेत कई सैन्य और नागरिक ठिकाने थे। लेकिन भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने, जो आकाश मिसाइल प्रणाली और एल-70 एयर डिफेंस गन जैसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, समय रहते सभी खतरों को निष्क्रिय कर दिया।
15 इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने बताया,“खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान धार्मिक स्थलों को भी निशाना बना सकता है। स्वर्ण मंदिर प्रमुख लक्ष्यों में शामिल था। हमने एयर डिफेंस सिस्टम को उसी के अनुरूप तैनात किया और हर खतरे को हवा में ही नष्ट कर दिया।”उन्होंने आगे कहा कि सेना ने रीयल-टाइम सर्विलांस और तेज़ी से तैनाती के ज़रिए हमले को नाकाम किया।“हमारे जवान हाई अलर्ट पर थे और पाकिस्तान की नापाक योजना को पूरी तरह विफल कर दिया गया। स्वर्ण मंदिर को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची,” उन्होंने जोड़ा।
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान तथा पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया। इनमें से 7 शिविर पूरी तरह तबाह कर दिए गए, खासकर मुरीदके और बहावलपुर जैसे इलाकों में जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ माने जाते हैं।
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान में किसी भी पाकिस्तानी नागरिक या सैन्य ढांचे को निशाना नहीं बनाया गया। हमले पूरी तरह सटीक और आतंकी ढांचों तक सीमित थे। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने आतंक के खिलाफ अपनी “जीरो टॉलरेंस” नीति को दोहराया है।स्वर्ण मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी जिहादी मानसिकता जाहिर की है, लेकिन भारतीय सेना की तत्परता और तकनीकी क्षमता ने न केवल इस साजिश को नाकाम किया बल्कि देश को एक बड़े हादसे से भी बचाया। ऑपरेशन सिंदूर अब आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति का प्रतीक बनता जा रहा है।
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