संभल के जामा मस्जिद नामक विवादित ढांचे को लेकर चल रहे सर्वे विवाद पर आज (सोमवार, 19 मई) इलाहाबाद हाईकोर्ट बड़ा फैसला सुनाने जा रहा है। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ इस बहुचर्चित मामले में दोपहर 2 बजे अपना निर्णय सुनाएगी। फैसले को लेकर न सिर्फ संभल, बल्कि देशभर में उत्सुकता बनी हुई है, क्योंकि यह धार्मिक और कानूनी दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण मामला माना जा रहा है।
यह सुनवाई याचिका पर आधारित है जिसे मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने हाईकोर्ट में दाखिल किया था। कमेटी ने जिला अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से मस्जिद का प्रारंभिक सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया गया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन और सात अन्य याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दावा किया कि संभल की जामा मस्जिद एक प्राचीन हरिहर मंदिर के स्थान पर बनाई गई है। उन्होंने इस आधार पर जिला अदालत में एक याचिका दाखिल की थी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से मस्जिद का सर्वेक्षण कराने की मांग की थी।
दलीलों पर सुनवाई के बाद जिला अदालत ने सर्वेक्षण की अनुमति देते हुए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था। इसी आदेश को मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने 8 जनवरी 2025 को जिला अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हाईकोर्ट ने 13 मई को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और आज फैसला सुनाने जा रहा है। इस फैसले के दो प्रमुख बिंदु होंगे १.क्या मस्जिद का सर्वे आगे बढ़ेगा या रोक दिया जाएगा? २ .क्या याचिकाकर्ताओं के ऐतिहासिक और धार्मिक दावों को न्यायिक आधार मिल पाएगा?
यह फैसला केवल हिंदुओ के एक धार्मिक स्थल तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में चल रहे धार्मिक स्थल बनाम लूट खसूट कर बनाए मस्जिदों के विवादों पर भी कानूनी और सामाजिक असर डाल सकता है। ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के मामलों की तरह ही यह मामला भी जनभावनाओं और इतिहास के बीच संतुलन बनाने की चुनौती अदालतों के सामने पेश करता है।
यह भी पढ़ें:
BCCI: एशिया कप 2025 से बाहर आएगा भारतीय टीम !
“विदेश भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडल सरकार का फैसला है, पार्टी का नहीं”
फसल बचाते किसान का वीडिओ देखते ही मदद के लिए पहुंचे कृषिमंत्री!
मुंबई को बम से उड़ाने की फर्जी धमकी!
