प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ ने 9 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को जानकारी दी कि इस योजना ने अब तक 10.33 करोड़ से अधिक परिवारों को स्वच्छ ईंधन की सुविधा प्रदान की है और यह ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बड़ा परिवर्तन लेकर आई है।
1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से शुरू हुई उज्ज्वला योजना का उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराना था, ताकि पारंपरिक ईंधन जैसे लकड़ी, कोयला और उपलों पर निर्भरता कम हो और महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिल सके।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “उज्ज्वला योजना के 9 साल, 10.33 करोड़ से ज्यादा परिवार खुशहाल! यह योजना नारी सशक्तीकरण की मिसाल बनी है और गृहणियों के लिए स्वास्थ्य का वरदान साबित हुई है।”
मंत्री पुरी के अनुसार, योजना के तहत अब तक 238 करोड़ से अधिक गैस सिलेंडरों की रिफिलिंग हो चुकी है। इसके अलावा 11,670 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर जोड़े गए हैं, जिससे देश के दुर्गम और सुदूर इलाकों तक सिलेंडर की डिलीवरी सुनिश्चित की जा सकी है।
सरकार का दावा है कि उज्ज्वला योजना ने न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा की है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को बिना किसी डिपॉजिट के एलपीजी कनेक्शन दिए जा रहे हैं। उज्ज्वला योजना अब ग्रामीण भारत के बदलाव की एक सशक्त पहचान बन चुकी है, जिसमें स्वच्छ ईंधन के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का संदेश भी छिपा है।
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