डोनाल्ड ट्रम्प का पहला संसदीय भाषण, कहा लौट आया अमेरिका का ‘स्वर्णयुग’

डोनाल्ड ट्रम्प का पहला संसदीय भाषण, कहा लौट आया अमेरिका का ‘स्वर्णयुग’

Donald Trump's first parliamentary speech, said America's 'golden age' has returned

वाशिंगटन, 5 मार्च (आईएएनएस) – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार (4मार्च) की रात अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, जहां उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधते हुए अमेरिका में ‘स्वर्णयुग’ की वापसी की घोषणा की।

ट्रम्प ने कहा कि देश का स्वर्ण युग शुरू हो चुका है और उनकी सरकार के कार्यों ने अमेरिका को तेजी से आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा, “छह हफ्ते पहले, मैंने इस कैपिटल के गुंबद के नीचे खड़े होकर अमेरिका के स्वर्णयुग की घोषणा की थी। तब से लेकर अब तक, हमने बिना रुके काम किया है ताकि देश के इतिहास का सबसे सफल और शानदार दौर लाया जा सके। हमने पिछले 43 दिनों में जो काम किया है, वह कई सरकारें वर्षों में भी नहीं कर पाईं। अमेरिका वापस आ गया है—यह तो बस शुरुआत है।”

बाइडेन प्रशासन को आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए ट्रम्प ने कहा, “मेरी शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बचाना और कामकाजी परिवारों को त्वरित राहत देना है। हमें बाइडेन प्रशासन से आर्थिक संकट और महंगाई की समस्या विरासत में मिली है। बाइडेन की नीतियों ने ऊर्जा की कीमतें बढ़ा दीं, किराने का सामान महंगा कर दिया और लाखों अमेरिकियों के लिए बुनियादी आवश्यकताओं को पहुंच से बाहर कर दिया। राष्ट्रपति के रूप में, मैं प्रतिदिन इस नुकसान की भरपाई करने और अमेरिका को फिर से किफायती बनाने के लिए लड़ रहा हूं।”

ट्रम्प ने अपने कार्यकारी आदेशों पर भी जोर दिया और कहा कि उन्होंने अब तक लगभग 100 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं और छह हफ्ते पहले पद संभालने के बाद 400 से अधिक प्रशासनिक कदम उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि जॉर्ज वाशिंगटन का कार्यकाल ‘नंबर दो’ था, जबकि उनका सबसे ऊपर है। उन्होंने ‘विविधता, समानता और समावेशन’ (डीईआई) नीतियों को समाप्त करने की घोषणा की और कहा, “हमारी सरकार, निजी क्षेत्र और सेना में अब ये नीतियां लागू नहीं रहेंगी। हमारा देश अब ‘वोक’ नहीं रहेगा।”

ट्रम्प ने अमेरिका में मुक्त अभिव्यक्ति बहाल करने का भी दावा किया और कहा कि उन्होंने ऐसे सरकारी तंत्रों को समाप्त कर दिया है, जिनका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए किया जाता था। उन्होंने कनाडा, मैक्सिको, चीन और भारत पर पारस्परिक शुल्क (रेसिप्रोकल टैक्स) लगाने की घोषणा करते हुए कहा, “ये देश हम पर भारी शुल्क लगाते हैं। 2 अप्रैल से, हम भी इन पर उतना ही शुल्क लगाएंगे।”

ट्रम्प ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों की आलोचना करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को भ्रष्ट और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को अमेरिका विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी संघीय नियुक्तियों, नई नीतियों और विदेशी सहायता पर तुरंत रोक लगा दी है। उन्होंने ‘बेवकूफी भरे’ ग्रीन न्यू डील को खत्म कर दिया और अमेरिका को ‘बेकार’ पेरिस जलवायु समझौते, ‘भ्रष्ट’ विश्व स्वास्थ्य संगठन और ‘अमेरिका विरोधी’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग से बाहर निकाल दिया।

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इसके अलावा, ट्रम्प ने बाइडेन की पर्यावरण नीतियों को भी समाप्त कर दिया, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रही थीं और महंगाई बढ़ा रही थीं। उन्होंने ‘पागल’ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नियमों को खत्म कर दिया ताकि अमेरिकी ऑटो उद्योग और कंपनियों को आर्थिक संकट से बचाया जा सके। जो बाइडेन को अमेरिकी इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति बताते हुए ट्रम्प ने दक्षिणी सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की और अवैध प्रवास को रोकने के लिए सेना और सीमा गश्ती दल को तैनात करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाइडेन के कार्यकाल में हर महीने लाखों अवैध प्रवासी अमेरिका में प्रवेश कर रहे थे।

विरोधी डेमोक्रेटिक सांसदों की ओर इशारा करते हुए ट्रम्प ने कहा, “मैं जानता हूं कि मैं यहां कुछ भी कह दूं, इससे ये न तो खुश होंगे, न खड़े होंगे, न मुस्कुराएंगे और न ही तालियां बजाएंगे।” ट्रम्प  ने अमेरिका में अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा घोषित करने की भी घोषणा की और मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर ‘अमेरिका की खाड़ी’ रख दिया।

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