ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को वैश्विक स्तर पर समझाने के लिए सरकार सात सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रमुख साझेदार देशों में भेजने जा रही है। शनिवार (17 मई) को इस प्रतिनिधिमंडल के टीम लीडर्स के नाम सामने आए, जिनमें भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा के साथ कांग्रेस के शशि थरूर भी शामिल थे। लेकिन इसके बाद कांग्रेस की ओर से जारी एक सूची में शशि थरूर का नाम नदारद होने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से संपर्क कर विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम प्रस्तुत करने को कहा था। कांग्रेस ने जो चार नाम सुझाए वे थे: आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार।
यह साफ संकेत है कि कांग्रेस शशि थरूर को इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने की इच्छा नहीं रखती, जबकि थरूर ने लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान और विश्व के लिए एक सशक्त संदेश बताया था। थरूर ने 8 मई को कहा था कि “ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ‘एक्स’ पर साझा किया था कि सात सर्वदलीय डेलिगेशन जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद के प्रति भारत के जीरो टॉलरेंस का संदेश लेकर जाएंगे। उन्होंने लिखा था, “यह राजनीति से ऊपर, मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब है।”
प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जेडीयू के संजय कुमार झा, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे शामिल हैं। ये सांसद इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित विश्व के बड़े देशों का दौरा करेंगे।
शशि थरूर ने ‘एक्स’ पर अपनी खुशी जताई और कहा, “मैं हाल की घटनाओं पर हमारे राष्ट्र का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रमुख राजधानियों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित शामिल हो, और मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा। जय हिंद!”
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर उन्हें नष्ट कर दिया, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कहा गया। दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच 10 मई को हुई बातचीत में 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी।
अब भारत दुनिया को ऑपरेशन सिंदूर के पीछे के मकसद और उसकी जरूरत को समझाना चाहता है, इसलिए प्रमुख साझेदार देशों के बीच सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जा रहा है।
यह भी पढ़ें:
समझौता रद्द करने के लिए एविएशन कंपनी सेलेबी पहुंची दिल्ली हाई कोर्ट
“भारतीय मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस को बनाया निशाना”
श्रीनगर, गांदरबेल और हंदवाड़ा में कई ठिकानों पर एसआईए ने मारा छापा
विश्व के सामने पाकिस्तान का पर्दाफाश करने तैयार किए संसदीय 7 प्रतिनिधी मंडल
