‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने बताई महुआ से बने कुकीज की कहानी !

इस बार ‘मन की बात’ में फूलों की अनोखी यात्रा को केंद्र में रखा गया, जिससे महुआ से बने उत्पादों और कृष्ण कमल के पौधों की पहल जैसी कहानियों ने देशभर में लोगों का ध्यान खींचा।

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने बताई महुआ से बने कुकीज की कहानी !

In 'Mann Ki Baat', Prime Minister Modi told the story of cookies made from Mahua!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (30 मार्च)को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 120वें एपिसोड में फूलों की अनोखी यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि फूल केवल पूजा या सजावट तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनसे अब कई नवाचार हो रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश और तेलंगाना में महुआ के फूलों से कुकीज और अन्य खाद्य पदार्थ बनाने की प्रेरक कहानियां साझा कीं, साथ ही गुजरात में कृष्ण कमल के पौधों की अनूठी पहल पर भी प्रकाश डाला।

पीएम मोदी ने कहा, “महुआ का फूल गांवों और आदिवासी समुदायों के लिए बहुत खास होता है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के राजाखोह गांव की चार बहनों ने महुआ के फूलों से कुकीज बनाना शुरू किया। अब ये कुकीज इतनी लोकप्रिय हो गई हैं कि मांग लगातार बढ़ रही है।”

उन्होंने बताया कि एक बड़ी कंपनी ने इन बहनों को फैक्ट्री में काम करने की ट्रेनिंग भी दी, जिससे अन्य महिलाएं भी इस काम में जुड़ने लगीं। इसी तरह, तेलंगाना के आदिलाबाद जिले की दो बहनों ने महुआ के फूलों से कई तरह के पारंपरिक पकवान बनाए, जो आदिवासी संस्कृति को दर्शाते हैं। “लोग इन व्यंजनों को खूब पसंद कर रहे हैं और ये बहनें अपने जज्बे से फूलों की इस यात्रा को नई दिशा दे रही हैं,” पीएम मोदी ने कहा।

प्रधानमंत्री ने गुजरात के एकता नगर में खिलने वाले ‘कृष्ण कमल’ के फूलों का भी जिक्र किया, जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। उन्होंने कहा, “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास कृष्ण कमल की खूबसूरती देखने लायक है। एकता नगर के आरोग्य वन, एकता नर्सरी, विश्व वन और मियावाकी जंगल में लाखों कृष्ण कमल के पौधे लगाए गए हैं, जो वहां की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ पर्यटकों को भी आकर्षित कर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने आसपास फूलों से जुड़े अनोखे प्रयोगों पर ध्यान दें और उन्हें लिखकर भेजें। उन्होंने कहा, “हो सकता है, आपके आसपास कुछ ऐसा हो जो आपको आम लगे, लेकिन दूसरों के लिए नया और रोचक हो।” कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि वे अगले महीने फिर ‘मन की बात’ में मिलेंगे। उन्होंने कहा, “इस तरह की कहानियां हमें नई प्रेरणा देती हैं।”

इस बार ‘मन की बात’ में फूलों की अनोखी यात्रा को केंद्र में रखा गया, जिससे महुआ से बने उत्पादों और कृष्ण कमल के पौधों की पहल जैसी कहानियों ने देशभर में लोगों का ध्यान खींचा। ये न सिर्फ नवाचार और स्थानीय संस्कृति की ताकत को दर्शाती हैं, बल्कि महिलाओं और आदिवासी समुदायों के आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी देती हैं।

यह भी पढें:

प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस संस्थापकों को श्रद्धांजलि दी, राष्ट्र सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा का किया उल्लेख

Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में जल संरक्षण पर दिया जोर, ‘कैच द रेन’ अभियान को बताया जन आंदोलन!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीक्षाभूमि में डॉ. आंबेडकर को दी श्रद्धांजलि, कहा- ‘यहां आने का सौभाग्य पाकर अभिभूत हूं’

Exit mobile version