उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में रविवार (15 जून) सुबह हुए हेलीकॉप्टर हादसे में महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के वणी निवासी जायसवाल परिवार के तीन सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा गौरीकुंड के पास उस समय हुआ जब हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी की ओर उड़ान भर रहा था। मृतकों में एक 23 महीने का मासूम भी शामिल है।
महाराष्ट्र के डिप्टी मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “यवतमाल जिले के वणी निवासी जायसवाल परिवार के तीन श्रद्धालु केदारनाथ जाते समय गौरीकुंड में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए हैं। यह हादसा अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। संबंधित अधिकारियों को परिवार को सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस दुःख की घड़ी में सरकार परिवार के साथ खड़ी है।”
इस घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी संवेदना प्रकट की। उन्होंने लिखा, “आज सुबह उत्तराखंड के गौरीकुंड के पास केदारनाथ से गुप्तकाशी जाते समय हेलीकॉप्टर दुर्घटना में यात्रियों की मौत से गहरा दुख हुआ है। मृतकों में महाराष्ट्र के श्रद्धालु भी शामिल हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। हम सभी प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं।”
यह हादसा उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में सुबह करीब 5:20 बजे हुआ, जब हेलीकॉप्टर केदारनाथ से उड़ान भरकर गुप्तकाशी की ओर जा रहा था। दस मिनट की इस छोटी उड़ान के दौरान हेलीकॉप्टर घने जंगलों से घिरे गौरी माई खर्क क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट समेत सभी सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों में एक 23 महीने का मासूम बच्चा भी शामिल था, जो अपनी माता-पिता के साथ दर्शन के लिए आया था। स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ और बचाव दलों ने घटनास्थल पर तत्काल पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। हेलीकॉप्टर का मलबा दुर्घटना स्थल के आसपास फैला हुआ पाया गया।
सरकारी अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी है और महाराष्ट्र तथा उत्तराखंड सरकार मिलकर सभी आवश्यक कार्रवाई में जुटी हुई हैं। केदारनाथ यात्रा के दौरान यह एक और दुखद दुर्घटना है, जिसने श्रद्धालुओं के बीच गहरा शोक और चिंता पैदा की है।
सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर फिर से सभी मानकों की समीक्षा करने की बात कही है। इस घटना ने चारधाम यात्रा के दौरान हवाई सेवाओं की सुरक्षा पर भी एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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