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Monday, November 17, 2025
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पीएम मोदी ने की ₹1 लाख करोड़ के रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) स्कीम फंड की शुरुआत!

RDI स्कीम उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाले परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी तथा सरकार, उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग को मज़बूत करेगी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित Emerging Science, Technology and Innovation Conclave (ESTIC) 2025 के दौरान ₹1 लाख करोड़ के रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) स्कीम फंड की शुरुआत की। इसे भारत में निजी क्षेत्र द्वारा चलाए जाने वाले शोध और इनोवेशन पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के साथ, देश को वैश्विक विज्ञान व प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने वैज्ञानिकों, इनोवेटर्स, शिक्षाविदों और वैश्विक विशेषज्ञों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ESTIC 2025 भारत की वैज्ञानिक यात्रा का नया अध्याय है, जो देश के तकनीकी भविष्य को दिशा देने के लिए सभी हितधारकों को एक मंच पर लाता है।

अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को आईसीसी महिला विश्व कप में ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी और इसे देश के युवाओं के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने इसरो के सबसे भारी संचार उपग्रह GSAT-7R (CMS-03) के सफल प्रक्षेपण की भी सराहना की और कहा कि यह भारत की वैज्ञानिक क्षमता का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ₹1 लाख करोड़ की RDI स्कीम उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाले परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी तथा सरकार, उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग को मज़बूत करेगी। उन्होंने कहा, “पहली बार उच्च जोखिम वाले लेकिन उच्च प्रभाव वाले शोध प्रोजेक्ट्स के लिए पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है। भारत एक आधुनिक इनोवेशन इकोसिस्टम बनाने और ‘Ease of Doing Research’ को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में भारत का R&D खर्च दोगुना हुआ है, पेटेंट रजिस्ट्रेशन 17 गुना बढ़े हैं, और देश अब 6,000 से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का सफर तकनीक उपभोक्ता से इनोवेशन अग्रणी बनने तक विज्ञान की परिवर्तनकारी शक्ति को दर्शाता है। उन्होंने कोविड-19 वैक्सीन के स्वदेशी विकास और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का उल्लेख करते हुए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भूमिका को रेखांकित किया।

महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “एक दशक पहले महिलाओं द्वारा दाखिल किए जाने वाले पेटेंट की संख्या 100 से भी कम थी, आज यह 5,000 से अधिक है। भारत में STEM में नामांकन का 43% महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत से अधिक है।” युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री ने अटल टिंकरिंग लैब्स की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने और अगले पाँच वर्षों में 10,000 नई प्रधानमंत्री रिसर्च फैलोशिप्स देने की घोषणा की।

उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में सात नए IITs और सोलह IIITs की स्थापना की गई है, जबकि नई शिक्षा नीति के तहत STEM कोर्स अब स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत India AI Mission के माध्यम से मानव-केंद्रित और नैतिक AI के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने घोषणा की कि भारत फरवरी 2026 में वैश्विक AI समिट की मेजबानी करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत एथिकल और ह्यूमन-सेंट्रिक AI के लिए वैश्विक ढांचा तैयार कर रहा है। हमारा नया AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क इनोवेशन और सुरक्षा के बीच संतुलन सुनिश्चित करेगा।” उन्होंने वैज्ञानिकों से पोषण सुरक्षा, क्लीन एनर्जी स्टोरेज, जीनोमिक मैपिंग और मृदा स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में काम करने का आह्वान किया और कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए भारत को महत्वपूर्ण तकनीकों और सामग्रियों में आयात निर्भरता कम करनी होगी।

अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने “जय विज्ञान, जय अनुसंधान” का नारा देते हुए कहा कि यह सम्मेलन भारत की नवाचार यात्रा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की सामूहिक रूपरेखा तय करेगा।

ESTIC 2025 का आयोजन 3 से 5 नवंबर तक किया जा रहा है, जिसमें 3,000 से अधिक प्रतिभागी, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता, वैज्ञानिक, नीति निर्माता और उद्योग जगत के नेता शामिल हैं। इस सम्मेलन में AI, क्वांटम टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी, बायो-मैन्युफैक्चरिंग, एडवांस्ड मटेरियल्स और स्पेस टेक्नोलॉजीज जैसे 11 विषयों पर चर्चा हो रही है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद, और नोबेल पुरस्कार विजेता सर आंद्रे गीम सहित कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

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