भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार (20 मई) को केरल स्थित प्रसिद्ध सबरीमाला श्री अय्यप्पा मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना करेंगी। वे इस मंदिर में पूजा करने वाली देश की पहली राष्ट्रपति होंगी, जिससे यह यात्रा ऐतिहासिक बन गई है।
मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) ने राष्ट्रपति की इस यात्रा की पुष्टि करते हुए इसे एक “महत्वपूर्ण अवसर” बताया है। यह दौरा राष्ट्रपति मुर्मू के दो दिवसीय केरल प्रवास का हिस्सा है। सुरक्षा कारणों के चलते 18 और 19 मई को मंदिर में आम भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है और वर्चुअल क्यू टिकट प्रणाली को भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
राष्ट्रपति मुर्मू पंपा बेस कैंप तक पहुंचेंगी, जो मंदिर से लगभग 4.25 किमी नीचे है। वहां से वे पारंपरिक श्रद्धालुओं की तरह पैदल चढ़ाई कर सकती हैं या विशेष सुरक्षा के मद्देनजर आपातकालीन सड़क मार्ग से वाहन द्वारा मंदिर तक ले जाई जा सकती हैं। अंतिम निर्णय स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) द्वारा लिया जाएगा।
मंदिर को 14 मई को मलयालम कैलेंडर के एडवम महीने से संबंधित मासिक अनुष्ठानों के लिए खोला गया था। राष्ट्रपति की यात्रा के समय ये अनुष्ठान अपने समापन चरण में होंगे। ऐसे में पूजा का समय और प्रक्रिया विशेष महत्व रखती है।
सबरीमाला मंदिर, जो केरल के पथानामथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट की 3,000 फीट ऊँचाई पर स्थित है, भारत के सबसे श्रद्धेय और भीड़भाड़ वाले तीर्थस्थलों में से एक है। यहां हर वर्ष लाखों भक्त पहुंचते हैं। परंपरा के अनुसार श्रद्धालु 41 दिन का व्रत रखते हैं और फिर पंपा नदी से मंदिर तक की कठिन पैदल यात्रा करते हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने महाराष्ट्र के सोलापुर में फैक्ट्री में लगी आग की दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,”सोलापुर, महाराष्ट्र में एक फैक्ट्री में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु होने का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहन संवेदना व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”+
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