पाकिस्तान ने एक बार फिर झूठे प्रचार का सहारा लेते हुए दावा किया है कि भारत के साथ चार दिन तक चले मई के युद्ध ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान चीन निर्मित हथियारों ने “बेहद शानदार प्रदर्शन” किया। पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता और डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने यह बयान ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में दिया।
हालांकि जमीनी सच्चाई इसके बिलकुल उलट रही। युद्ध के दौरान भारत के स्वदेशी हथियारों ने पाकिस्तानी रक्षा ढांचे को तहस-नहस कर दिया और चीन के कथित अत्याधुनिक हथियार बेअसर साबित हुए। चीन का पीएल-15 मिसाइल सिस्टम भारतीय रक्षा कवच के आगे ध्वस्त हो गया, जबकि भारत की ओर से ब्रह्मोस और आकाशतीर सिस्टम ने सटीक निशाने साधे।
जनरल चौधरी ने कहा, “हम हर तरह की तकनीक के लिए खुले हैं। हाल ही में चीन के प्लेटफॉर्म्स ने असाधारण प्रदर्शन दिखाया है।” लेकिन वास्तविकता यह थी कि पाकिस्तान को युद्धविराम की भीख मांगनी पड़ी, जबकि भारत ने उसकी कई एयरबेस को सटीक प्रहारों से “छेदों से भरे ब्लॉक्स” में बदल दिया। चार दिन चले इस युद्ध में पहली बार आधुनिक चीनी हथियारों, जैसे पीएल-15 मिसाइल, एचक्यू-9पी सिस्टम, जेएफ-17 और जे-10 लड़ाकू विमान का बड़े पैमाने पर उपयोग हुआ था, परंतु वे सभी भारतीय प्रणालियों के सामने टिक नहीं सके।
भारतीय वायुसेना प्रमुख ए.पी. सिंह ने पिछले सप्ताह स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के 8-10 लड़ाकू विमान, जिनमे अमेरिकी एफ-16 और चीनी जेएफ-17 शामिल थे, नष्ट कर दिए। उन्होंने पाकिस्तानी दावों को मनोरम कहानियां बताते हुए खारिज कर दिया। सिंह ने यह भी बताया कि भारत ने एक निगरानी विमान को हवा में ही गिरा दिया था।
पाकिस्तानी जनरल अहमद शरीफ चौधरी, जो पाकिस्तान के सैन्य चेहरा बनकर उभरा हैं, वह आतंकी घोषित सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद वही महमूद का बीटा है, जो कभी अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन का करीबी सहयोगी था।
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान अब भी चीन के कर्ज और “बेल्ट ऐंड रोड” परियोजनाओं का गुलाम बना हुआ है। सितंबर में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने चीन के चेंगदू शहर का दौरा किया था वही जगह जहां जे-10 लड़ाकू विमान बनाए जाते हैं।
भारत की रणनीतिक समुदाय ने पाकिस्तान के इस “चीनी हथियार सफलता” वाले बयान को हास्यास्पद बताया है। “ऑपरेशन सिंदूर” में असली विजेता भारत के स्वदेशी हथियार रहे और चीन के हथियार, पाकिस्तान की तरह, असलियत में ध्वस्त होकर रह गए।
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