महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार (13 मई) को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन में तैनात वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बाबूराव मधुकर देशमुख (57) को एक लाख रुपये की रिश्वत की पहली किस्त लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
ACB द्वारा जारी बयान के अनुसार, देशमुख ने एक शैक्षणिक ट्रस्ट के ट्रस्टी से तीन लाख रुपये की मांग की थी। बाद में यह रकम घटाकर ढाई लाख रुपये पर तय की गई। देशमुख पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता से यह राशि स्कूल परिसर से जबरन कब्जा हटवाने के मामले में पुलिस सहयोग और चैरिटी कमिश्नर के अंतिम आदेश तक परिसर में घुसने से रोकने की एवज में मांगी थी।
मामला 15 अगस्त 2024 का है, जब कुछ अज्ञात लोगों ने कथित रूप से एक स्कूल का गेट तोड़कर जबरन ट्रस्ट परिसर में प्रवेश किया। इसके बाद ट्रस्टी ने शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन और चैरिटी कमिश्नर के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर कार्रवाई के बजाय पुलिस अधिकारी ने ट्रस्टी से रिश्वत की मांग की।
शिकायतकर्ता ने ACB से संपर्क किया, जिसके बाद एक ट्रैप योजना बनाई गई। योजना के तहत मंगलवार को देशमुख को उनके ही पुलिस स्टेशन में एक लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।
एसीबी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है। अधिकारी के मोबाइल, कार्यालय दस्तावेज़ और अन्य संबंधित सामग्री की भी जांच की जा रही है। मुंबई जैसे मेट्रोपोलिटन शहर में पुलिस अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार के ऐसे मामले आम जनता में आक्रोश और चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। यह गिरफ्तारी ACB की भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त नीति का संकेत मानी जा रही है।
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