अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को घोषणा की कि 2021 में काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए आत्मघाती हमले के लिए जिम्मेदार इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी में पाकिस्तान की भूमिका रही, जिसके लिए ट्रम्प ने आभार जताया।
हमले की पृष्ठभूमि
26 अगस्त 2021 को काबुल एयरपोर्ट के एबी गेट के पास एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट किया था, जब सैकड़ों लोग अफगानिस्तान से भागने की कोशिश कर रहे थे। इस हमले में लगभग 170 अफगानी नागरिकों और 13 अमेरिकी सैनिकों की जान चली गई थी। अप्रैल 2023 में व्हाइट हाउस ने घोषणा की थी कि इस हमले की साजिश में शामिल एक ISIS कमांडर को तालिबान सरकार द्वारा एक ऑपरेशन में मार गिराया गया था।
ट्रंप का बयान और पाकिस्तान की भूमिका
अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार कांग्रेस को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा कि पाकिस्तान ने “इस जघन्य हमले के मुख्य अपराधी” की गिरफ्तारी में मदद की है। उन्होंने कहा, “अब यह आतंकवादी अमेरिकी न्याय का सामना करेगा।” हालांकि, ट्रंप ने संदिग्ध की पहचान या गिरफ्तारी अभियान से जुड़ी कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की।
गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने पकड़े गए व्यक्ति की पहचान मोहम्मद शरीफुल्लाह के रूप में की है। एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने इस आतंकवादी को प्रत्यर्पित किया है।
ट्रम्प ने अपने भाषण के दौरान पटेल की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने एफबीआई को राजनीतिक हथियार बनने से बचाया। रिपोर्ट्स के अनुसार, सीआईए पाकिस्तान के साथ लगातार संपर्क में थी और उसकी लोकेशन की जानकारी साझा कर रही थी। पाकिस्तान ने इस सूचना के आधार पर अपनी विशेष इकाई को अफगानिस्तान सीमा पर भेजकर शरीफुल्लाह को गिरफ्तार किया।
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अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर असर
पाकिस्तान ने करीब दस दिन पहले अमेरिका को शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना को अमेरिका और पाकिस्तान के बीच फिर से संबंध सुधारने की दिशा में एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते ठंडे पड़ गए थे। ट्रम्प ने पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग को लेकर अनिच्छुक माना था। लेकिन अब शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी के बाद संकेत मिल रहे हैं कि पाकिस्तान दूसरे ट्रम्प प्रशासन के साथ संबंध सुधारने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।