तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के पाशमायलारम औद्योगिक क्षेत्र में सोमवार (30 जून) सुबह हुई फार्मास्युटिकल फैक्ट्री विस्फोट की भयावह घटना में मरने वालों की संख्या 32 पहुंच गई है। यह राज्य के अब तक के सबसे भीषण औद्योगिक हादसों में से एक बन गया है। मंगलवार (1 जुलाई) सुबह तक 15 घायलों ने अस्पतालों में दम तोड़ दिया, जबकि 27 मजदूर अब भी मलबे में फंसे हुए हैं और उनकी तलाश जारी है।
यह धमाका सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड की फैक्ट्री में हुआ, जो माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज (MCC) का उत्पादन करती है। फैक्ट्री हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित है। हादसे के समय फैक्ट्री में कुल 108 मजदूर काम कर रहे थे।तीन मंजिला इमारत धमाके की वजह से पूरी तरह ढह गई। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि करीब 5 किलोमीटर दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी। आग तेजी से फैल गई, जिसे बुझाने के लिए 15 दमकल गाड़ियों को लगाया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट इतना तीव्र था कि कई मजदूर हवा में उछलकर कई मीटर दूर जा गिरे। कई शव या तो पूरी तरह जल गए या टुकड़ों में मिले, जिससे उनकी पहचान नहीं हो सकी। डीएनए जांच के ज़रिए पहचान की प्रक्रिया की जा रही है। इस भयावह दुर्घटना में मृत और घायल ज़्यादातर मजदूर प्रवासी हैं, जो बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों से आए थे। घायलों में से 11 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), हैदराबाद डिजास्टर रिस्पॉन्स एंड असेट प्रोटेक्शन एजेंसी (HYDRAA), पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें लगातार मलबा हटाकर शवों और जीवित लोगों की तलाश कर रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने सोमवार को मीडिया को बताया कि धमाके के पीछे की वजह अब तक स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फैक्ट्री 40–45 साल पुरानी है और MCC का उत्पादन करती है। श्रम मंत्री जी. विवेक ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह रिएक्टर विस्फोट नहीं प्रतीत हो रहा है। एयर ड्रायर सिस्टम में किसी तकनीकी समस्या के कारण विस्फोट और आग लगने की आशंका जताई जा रही है।
राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है। इसमें मुख्य सचिव, विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन), प्रमुख सचिव (श्रम), प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) और अतिरिक्त डीजीपी (फायर सर्विस) शामिल हैं मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह समिति हादसे के कारणों की विस्तृत जांच करेगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सिफारिशें देगी।
अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या फैक्ट्री में औद्योगिक सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी? क्या श्रमिकों की जान की कीमत पर उत्पादन जारी था? इन तमाम सवालों के जवाब अब जांच समिति की रिपोर्ट और प्रभावी कार्रवाई पर टिकी हैं।फिलहाल पूरा राज्य इस दर्दनाक हादसे से स्तब्ध है, और मृतकों के परिवारों को न्याय और मुआवजे की उम्मीद है।
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