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Tuesday, June 24, 2025
होमन्यूज़ अपडेटराष्ट्रपति से सेनाध्यक्षों ने साझा किए 'ऑपेरशन सिंदूर' की विस्तृत जानकारी !

राष्ट्रपति से सेनाध्यक्षों ने साझा किए ‘ऑपेरशन सिंदूर’ की विस्तृत जानकारी !

भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के सभी प्रयासों को नाकाम किया और जवाबी कार्रवाई में कई पाकिस्तानी एयरबेस भी निशाना बने।

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भारत के सबसे साहसी सैन्य अभियानों में शुमार हो चुके ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आधिकारिक जानकारी आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दी गई। राष्ट्रपति भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति से मुलाकात कर इस सफल अभियान की रणनीति और परिणामों पर विस्तार से चर्चा की।

बताते चलें कि राष्ट्रपति भारत की तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर हैं। ऐसे में उनके समक्ष इस तरह की जानकारी प्रस्तुत करना न केवल संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नीति निर्धारण के लिए भी महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने बैठक के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के साहस, संयम और निष्पक्ष सैन्य जवाब की प्रशंसा करते हुए कहा कि “यह अभियान न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की इच्छाशक्ति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर देश की प्रतिष्ठा को भी मजबूत करता है।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि 22 अप्रैल को उस जघन्य आतंकी हमले से जुड़ी है जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इसके तुरंत बाद भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर सीमापार और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित हमले शुरू किए। इन कार्रवाइयों में सौ से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है।

सेनाओं ने यह स्पष्ट किया कि इस पूरे अभियान के दौरान केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया। पाकिस्तानी सेना की तरफ से उकसावे की कार्रवाइयों के बावजूद भारतीय पक्ष ने नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमला करने से परहेज किया। इसके बावजूद पाकिस्तान की वायु सेना और एयर डिफेंस संरचनाओं को भारी क्षति पहुंची। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के सभी प्रयासों को नाकाम किया और जवाबी कार्रवाई में कई पाकिस्तानी एयरबेस भी निशाना बने।

सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति को इस अभियान की रणनीतिक बारीकियों, अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं और भविष्य की सैन्य तैयारियों पर भी जानकारी दी गई। यह भी उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सीडीएस जनरल चौहान ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की थी। वह बैठक उपराष्ट्रपति एनक्लेव में हुई थी और माना जा रहा है कि उसमें भी ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी समग्र जानकारी साझा की गई।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि भारतीय रक्षा नीति के एक नए अध्याय की शुरुआत भी है—जहां जवाब सिर्फ निर्णायक नहीं, बल्कि संतुलित और रणनीतिक भी होता है।

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