केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार (22 जून)को दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने राज्य में माओवादी प्रभाव को 2026 तक पूरी तरह समाप्त करने के केंद्र सरकार के लक्ष्य को साकार करने के लिए सुरक्षा रणनीति की समीक्षा की। शाह का यह दौरा 22 और 23 जून को हो रहा है, जिसमें उन्होंने माओवादी हिंसा के खिलाफ चल रहे अभियानों पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि केंद्र सरकार 31 मार्च, 2026 तक माओवादियों के प्रभाव वाले क्षेत्रों को पूरी तरह से मुक्त करने के लिए सुनियोजित और चरणबद्ध रणनीति अपना रही है। इस अभियान को जमीनी स्तर पर और प्रभावी बनाने के लिए केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय को और मज़बूत किया जाएगा।
गृह मंत्री शाह ने नया रायपुर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के नए परिसर की आधारशिला भी रखी। यह विश्व स्तरीय परिसर 40 एकड़ में फैला होगा और इसकी अनुमानित लागत ₹350 से ₹400 करोड़ के बीच होगी, जिसे पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार की ओर से संचालित फोरेंसिक प्रयोगशाला के लिए भी 6 एकड़ भूमि आवंटित की गई है, जिससे छत्तीसगढ़ की जांच क्षमताओं को बड़ा बल मिलेगा।
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि अमित शाह दोनों परियोजनाओं का भूमि पूजन करेंगे। ये दोनों केंद्र राज्य में दीर्घकालिक सुरक्षा के साथ-साथ आपराधिक जांच और आतंकवाद विरोधी ढांचे को आधुनिक रूप देने में मदद करेंगे। अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान एक सुरक्षा शिविर का भी दौरा किया, जहां उन्होंने माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों से संवाद किया और उनके साहस, सेवा और समर्पण की सराहना की।
सूत्रों के मुताबिक, हाल के महीनों में माओवादी विरोधी अभियानों में केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है। माओवादी केंद्रीय समिति के 45 में से 32 शीर्ष नेताओं को विभिन्न मुठभेड़ों में ढेर किया जा चुका है। अब शेष नेताओं का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए तेज़ और गुप्त अभियान चलाए जा रहे हैं।
यह दौरा न केवल सुरक्षा पर केंद्र की सख्त नीति को दर्शाता है, बल्कि छत्तीसगढ़ के दूरदराज के क्षेत्रों में स्थायित्व और विकास लाने की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। शाह ने संकेत दिया कि सरकार हर हाल में माओवादी नेटवर्क को खत्म कर आदिवासी क्षेत्रों को शांति और प्रगति की मुख्यधारा में लाएगी।
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