जनवरी के महीने में नर्मदा नर्मदापुराम पीजी कॉलेज के प्यून द्वारा बच्चों की आंसर शीट जांचने का एक वीडिओ धड़ल्ले से वायरल हुआ था। अब उस यूनिवर्सिटी परीक्षा की आंसर शीट जांचने करवाने के मामले बड़ी कार्रवाई की गई है। इस के साथ आंसर सहित जांचने वाले प्यून, गेस्ट स्कॉलर, बुक लिफ्टर को बर्खास्त कर दिया हैं।
दरअसल, 31 जनवरी को नर्मदापुरम के पिपरिया स्थित शहीद भगत सिंह पीजी कॉलेज के प्यून पन्नलाल पठारिया का यूनिवर्सिटी की आंसर शीट की जांच करते एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। जिस पर छात्रों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए शिकायत विधायक (MLA) ठाकुरदास नागवंशी से की। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री से जांच कराई। मामले पर करीब दो महीने तक मामले की जांच चलती रही।
4 अप्रैल को यूनिवर्सिटी के अपर सचिव वीरन सिंह भलावी ने कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. रामगुलाम पटेल को सस्पेंड कर दिया। 8 अप्रैल को जनभागीदारी से चतुर्थश्रेणी पदस्थ प्यून पन्नालाल पठारिया, हिंदी की गेस्ट स्कॉलर खुशबू पगारे और बुक लिफ्टर स्थायी कर्मी राकेश कुमार मेहरा को बर्खास्त कर दिया है।
जांच में सामने आया कि आंसर शीट बुक लिफ्टर राकेश कुमार मेहर से ली थीं। मूल्यांकन के लिए उसे 5000 रुपए दिए थे। गेस्ट स्कॉलर (guest scholar) खुशबू पगारे ने भी स्वीकारा है कि स्वास्थ्य बिगड़ने से उन्होंने बुक लिफ्टर राकेश मेहर के जरिए प्यून पन्नालाल से मूल्यांकन कराया था। मामले में पीजी कॉलेज की किरकिरी हुई है। प्रोफेसर्स की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठे। योग्यता पर भी सवाल उठ रहे हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्ट से सामने आया है कि जिस प्यून पन्नलाल पठारिया को आंसर शीट जांचने पर बर्खास्त किया है। वो बीए (BA) और इंग्लिश से एमए (MA) कर चुका है।
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