भारत के भाला फेंक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की। श्री कांतीरवा स्टेडियम, बेंगलुरु में आयोजित पहले ‘नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025’ टूर्नामेंट में उन्होंने न केवल भारत का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि 86.18 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का पहला संस्करण जीत लिया।
नीरज ने इस टूर्नामेंट में 11 अन्य प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ा। उनका मुकाबला अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से था, जिसमें केन्या के जूलियस येगो ने 84.51 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान और श्रीलंका के रुमेश पथिरगे ने 84.34 मीटर के थ्रो के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
नीरज की शुरुआत भले ही फाउल थ्रो से हुई, लेकिन उन्होंने दूसरे प्रयास में 82.99 मीटर फेंकते हुए बढ़त बनाई और तीसरे प्रयास में 86.18 मीटर का निर्णायक थ्रो करते हुए दर्शकों में उत्साह की लहर दौड़ा दी। बाकी प्रयासों में उन्होंने क्रमश: फाउल, 84.07 मीटर और 82.22 मीटर थ्रो किया।
ओलंपिक स्वर्ण विजेता नीरज चोपड़ा ने जीत के बाद कहा, “यह मेरे लिए बेहद खास पल है। हवा का रुख विपरीत था, जिससे थ्रो की दूरी कुछ कम रही, लेकिन बेंगलुरु की भीड़ और मेरे परिवार की मौजूदगी ने इसे यादगार बना दिया।”
उन्होंने आगे कहा, “इस टूर्नामेंट को और बड़ा बनाने के लिए हम भविष्य में और भी स्पर्धाएं जोड़ने की योजना बना रहे हैं।”
नीरज ने इस ऐतिहासिक आयोजन को JSW स्पोर्ट्स, भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन और वर्ल्ड एथलेटिक्स के सहयोग से आयोजित किया। यह पहली बार है जब भारत में गोल्ड लेवल जैवलिन थ्रो टूर्नामेंट का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 12 खिलाड़ियों ने भाग लिया।
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